दर्द से दोस्ती हो गई यारों,
जिंदगी बे दर्द हो गई यारों,
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।
दर्द ज़ाहिर कभी करने नहीं देता मुझको,
अश्क आंखों में भी भरने नहीं देता मुझको,
जानता हूँ, कि मैं अब टूट चुका हूँ लेकिन,
वो तो इक शख्स बिखरने नहीं देता मुझको।
दर्द को दर्द से न देखो,
दर्द को भी दर्द होता है,
दर्द को ज़रूरत है दोस्त की,
आखिर दोस्त ही दर्द में हमदर्द होता है।
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,
मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की,
जब जहाँ जो मिला अपना लिया,
जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की।